
भारत में एक बार फिर से कोरोना वायरस को लेकर चिंता बढ़ गई है। कोरोना के दो नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 देश में पहुंच चुके हैं। तमिलनाडु और गुजरात में इन वेरिएंट्स की पुष्टि हुई है। साथ ही दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी कोरोना मामलों में हल्का उछाल देखा जा रहा है।
कहां-कहां मिले नए वेरिएंट?
INSACOG (इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम) के मुताबिक, अप्रैल में तमिलनाडु में NB.1.8.1 वेरिएंट का एक मामला सामने आया। वहीं, गुजरात में मई में LF.7 के चार केस दर्ज किए गए हैं। इन दोनों वेरिएंट्स को फिलहाल WHO ने ‘निगरानी वाले वेरिएंट्स’ (Variants Under Monitoring) की सूची में रखा है। इसका मतलब यह है कि अभी इनमें गंभीर खतरे जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन इन पर नजर रखी जा रही है।
भारत में फिलहाल कौन सा वेरिएंट सबसे ज्यादा?
INSACOG के अनुसार, भारत में अभी सबसे ज्यादा फैल रहा वेरिएंट JN.1 है। यह वेरिएंट देश में किए गए कुल कोविड सैंपलों में 53% पाया गया है। इसके बाद BA.2 वेरिएंट (26%) और बाकी अन्य ओमिक्रॉन सबवेरिएंट्स (20%) हैं।
एक्सपर्ट्स की क्या राय है?
विशेषज्ञों के अनुसार, NB.1.8.1 वेरिएंट में कुछ ऐसे बदलाव (म्यूटेशन) पाए गए हैं जिससे यह वेरिएंट तेजी से फैल सकता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को चकमा दे सकता है। हालांकि WHO का कहना है कि अभी यह वेरिएंट वैश्विक स्तर पर कोई बड़ा खतरा नहीं बन रहा है।
सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हाल ही में एक हाई-लेवल बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता DGHS (डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज) ने की। इसमें ICMR, NCDC और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों ने हिस्सा लिया। फिलहाल किसी बड़े खतरे की बात नहीं कही गई है, लेकिन सभी राज्यों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
कोरोना की वर्तमान स्थिति
भारत में 19 मई 2025 तक कुल 257 एक्टिव कोविड केस दर्ज किए गए हैं। दिल्ली में 24 घंटे में 23 नए केस आए हैं। केरल में मई महीने में अब तक 273 केस सामने आए हैं। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्यों से भी हल्के मामलों की जानकारी मिली है।
महाराष्ट्र में स्थिति
महाराष्ट्र में जनवरी से मई तक कुल 7,144 कोविड टेस्ट किए गए, जिनमें 257 लोग संक्रमित पाए गए। इनमें से 87 लोग ठीक हो चुके हैं। राज्य में अभी 166 एक्टिव केस हैं। मुंबई में अकेले मई महीने में 207 नए केस सामने आए हैं। हालांकि सभी मरीजों में लक्षण हल्के हैं। इस साल अब तक महाराष्ट्र में कोरोना से 4 लोगों की मौत हुई है, जिनमें सभी पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे।
तेलंगाना में क्या हो रहा है?
तेलंगाना में भी हालात की समीक्षा के लिए स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिंह ने उच्चस्तरीय बैठक की। हैदराबाद में एक पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर में कोरोना की पुष्टि हुई थी, जो अब ठीक हो चुके हैं।
घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क रहें
हालांकि नए वेरिएंट्स की मौजूदगी ने चिंता जरूर बढ़ाई है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है। अभी अधिकतर मामलों में लक्षण बेहद हल्के हैं और मरीज घर पर ही ठीक हो रहे हैं। सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां लगातार निगरानी कर रही हैं। देश में कोरोना का खतरा अभी बड़ा नहीं है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है। मास्क पहनना, हाथ धोना और भीड़भाड़ से बचना अब भी अहम है।