
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में एक बड़ी खबर सामने आई है। ईरान की खतरनाक मिसाइल ‘फतह-1’ ने इजरायल के मशहूर ‘आयरन डोम’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भेद दिया है। यह वही आयरन डोम है जिसकी दुनियाभर में तारीफ होती रही है और जिस पर अमेरिका भी भरोसा दिखा रहा था। मगर अब एक ईरानी मिसाइल ने इसकी कमजोरी को उजागर कर दिया है।
क्या है ‘फतह-1’ मिसाइल?
‘फतह-1’ एक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने विकसित किया है। इसे पहली बार 2023 में दुनिया के सामने लाया गया था। यह मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है जिसकी रेंज करीब 1400 किलोमीटर है।
मिसाइल की खासियतें
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हाइपरसोनिक गति: फतह-1 की सबसे बड़ी ताकत इसकी स्पीड है। यह ध्वनि की गति से कई गुना तेज उड़ती है, जिससे इसे रोकना मुश्किल हो जाता है।
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कम ऊंचाई पर उड़ान: यह मिसाइल लो-एल्टिट्यूड यानी बहुत कम ऊंचाई पर उड़ सकती है। इससे इसे दुश्मन के रडार पकड़ नहीं पाते, यानी ये ‘अदृश्य’ की तरह काम करती है।
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रडार को धोखा देती है: कम ऊंचाई और तेज गति के कारण रडार इसे जल्दी ट्रैक नहीं कर पाते, जिससे डिफेंस सिस्टम को प्रतिक्रिया का समय नहीं मिलता।
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न्यूक्लियर वॉरहेड क्षमता: यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यानी सिर्फ दूरी और रफ्तार ही नहीं, इसका विस्फोटक भार भी खतरनाक है।
कैसे टूटा ‘आयरन डोम’?
आयरन डोम इजरायल का मिसाइल डिफेंस सिस्टम है जो दुश्मन की मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर देता है। यह सिस्टम अब तक सैकड़ों रॉकेट और मिसाइलें रोक चुका है। मगर फतह-1 ने इसकी तकनीक को चुनौती दे दी।
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मिसाइल की तेज रफ्तार और नीची उड़ान ने आयरन डोम के रडार को चकमा दिया।
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रिपोर्ट्स के अनुसार, आयरन डोम ने फतह-1 को समय पर पहचान नहीं पाया, जिससे यह सिस्टम मिसाइल को इंटरसेप्ट करने में नाकाम रहा।
क्या है अगला कदम?
ईरान ने अब इस मिसाइल का नया वर्जन ‘फतह-2’ भी तैयार कर लिया है, जिसे नवंबर 2023 में लॉन्च किया गया था। माना जा रहा है कि यह पहले से भी ज्यादा उन्नत और खतरनाक है।
इस हमले के बाद अमेरिका, इजरायल और नाटो देशों की चिंता बढ़ गई है। अब सवाल यह है कि क्या मौजूदा डिफेंस सिस्टम हाइपरसोनिक मिसाइलों का मुकाबला कर पाएंगे?
ईरान की फतह-1 मिसाइल ने यह साबित कर दिया है कि युद्ध की तस्वीरें अब बदल रही हैं। पारंपरिक डिफेंस सिस्टम अब उतने भरोसेमंद नहीं रह गए हैं, और हाइपरसोनिक तकनीक आने वाले समय में युद्ध की दिशा बदल सकती है। इजरायल के लिए यह एक बड़ा झटका है, जबकि ईरान ने दुनिया को दिखा दिया कि वह किसी भी दबाव के बावजूद आधुनिक हथियार विकसित करने में सक्षम है।