
कोरोना वायरस एक बार फिर दुनिया को चिंता में डाल रहा है। भारत में भले ही हालात अभी गंभीर नहीं हैं, लेकिन अमेरिका में कोविड-19 के मामलों में तेज़ बढ़ोतरी देखी जा रही है। अमेरिकी हेल्थ एजेंसी CDC (सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के अनुसार, अमेरिका में हर हफ्ते करीब 350 लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो रही है।
अमेरिका में फैला नया सब-वैरिएंट: NB.1.8.1
कोरोना वायरस का एक नया सब-वैरिएंट NB.1.8.1 अमेरिका में तेज़ी से फैल रहा है। बताया जा रहा है कि यह वैरिएंट चीन से आया है और अब अमेरिका के कई बड़े शहरों जैसे न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, वाशिंगटन, वर्जीनिया आदि में इसका असर देखा जा रहा है।
ये नया वैरिएंट सिर्फ अमेरिका में ही नहीं, बल्कि सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड, जापान, साउथ कोरिया और फ्रांस जैसे देशों में भी फैल चुका है। यह वैरिएंट एयरपोर्ट्स पर विदेशी यात्रियों की जांच के दौरान पाया गया, जिससे इसके अंतरराष्ट्रीय फैलाव की पुष्टि हुई।
क्यों बढ़ रहा है संक्रमण?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की पहले दी गई वैक्सीन की कार्यक्षमता अब धीरे-धीरे कम हो रही है। CDC के आंकड़ों के अनुसार, 24 अप्रैल 2025 तक सिर्फ 23% अमेरिकी नागरिकों ने ही नई कोविड वैक्सीन ली है।
एट्रिया रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैक्सीन एक्सपर्ट के अनुसार, वैक्सीन की कम खपत और लोगों की लापरवाही संक्रमण को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा, कई बार वैक्सीन लेने के बाद भी शरीर का इम्यून सिस्टम नए वैरिएंट के खिलाफ मजबूत प्रतिरोध नहीं बना पाता है।
बुजुर्गों पर ज्यादा खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्हें हर 6 महीने में दो वैक्सीन डोज लेने की सलाह दी गई है।
डॉक्टरों ने यह भी बताया कि कई मरीज शुरुआत में इलाज नहीं करवाते, जिससे उनकी हालत गंभीर हो जाती है और अस्पताल पहुंचने पर उन्हें बचा पाना मुश्किल हो जाता है।
एंटी वायरल दवाओं की मांग में बढ़ोतरी
अमेरिका में कोविड के इलाज के लिए Molnupiravir, Paxlovid और Remdesivir जैसी एंटी वायरल दवाओं की मांग फिर से बढ़ गई है। ये दवाएं वायरस को फैलने से रोकने में मदद करती हैं, लेकिन इनका असर तभी होता है जब इलाज समय पर शुरू किया जाए।
क्या करना है ज़रूरी?
नई वैक्सीन जरूर लगवाएं, खासकर अगर आप बुजुर्ग हैं या किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।
भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
हाथों की साफ-सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
संक्रमण के लक्षण दिखते ही टेस्ट करवाएं और इलाज शुरू करें।
भारत में भले ही फिलहाल खतरा कम हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय हालात को देखते हुए सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी है। अमेरिका में जिस तरह कोरोना का नया वैरिएंट फैल रहा है, वह भविष्य में दूसरे देशों के लिए भी खतरे की घंटी हो सकता है।