Rashtrapati Bhavan: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉल्स के नाम बदलने का बड़ा निर्णय लिया। राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘दरबार हॉल’ का नाम बदलकर ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम बदलकर ‘अशोक मंडप’ रख दिया है।
राष्ट्रपति भवन ने इस बारे में एक बयान जारी किया है।
कांग्रेस की सीनियर नेता प्रियंका गांधी ने राष्ट्रपति भवन के दोनों हॉल्स के नाम बदलने को लेकर एनडीए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ‘दरबार’ का कोई अवधारणा नहीं है, बल्कि ‘शाहंशाह’ की अवधारणा है। कांग्रेस महासचिव ने इस बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे तौर पर हमला किया है।
भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य
राष्ट्रपति भवन सचिवालय ने एक बयान में कहा है कि नाम बदलने का उद्देश्य राष्ट्रपति भवन का वातावरण भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और ethos का प्रतिबिंब बनाना है।
राष्ट्रपति भवन एक राष्ट्रीय प्रतीक और जनता की अमूल्य धरोहर है
बयान में आगे कहा गया कि राष्ट्रपति भवन, जो भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय और आवास है, देश का प्रतीक और जनता की अमूल्य धरोहर है। इसे अधिक सुलभ बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति भवन के वातावरण को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और ethos का प्रतिबिंब बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
दरबार शब्द का अंग्रेजीकरण से संबंध
जानकारी के अनुसार, दरबार हॉल में राष्ट्रीय पुरस्कारों जैसे महत्वपूर्ण समारोह आयोजित किए जाते हैं। ‘दरबार’ शब्द का अर्थ है अदालत और भारतीय शासकों तथा ब्रिटिशों की बैठकें। भारत गणतंत्र बनने के बाद ‘दरबार’ शब्द की प्रासंगिकता समाप्त हो गई है। गणतंत्र की अवधारणा प्राचीन भारतीय समाज में गहराई से निहित है, इसलिए ‘गणतंत्र मंडप’ एक उपयुक्त नाम है।
अशोक मंडप से अंग्रेजीकरण के निशान हटेंगे
वहीं, ‘अशोक’ शब्द का मतलब है सभी दुखों से मुक्त व्यक्ति या दुखों से रहित। ‘अशोक’ का अर्थ सम्राट अशोक से भी है, जो एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक हैं। भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक का सिंह स्तंभ है। बयान में कहा गया कि अशोक हॉल का नाम ‘अशोक मंडप’ रखने से भाषा में एकरूपता आएगी और अंग्रेजीकरण के निशान हटेंगे।