
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज पानी के मुद्दे को लेकर नंगल डैम पहुंचे और वहीं से मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पंजाब के पास पानी की एक-एक बूंद का हिसाब है और सरकार पूरी तरह से राज्य के हक का पानी बचाने के लिए लड़ाई लड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पंजाब में धान की बुवाई का सीज़न शुरू होने वाला है, लेकिन इस बार भाखड़ा समेत तीनों डैमों में पानी का स्तर पिछले साल के मुकाबले काफी कम है। ऐसे हालातों में पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है।
भगवंत मान ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) पर तीखा हमला करते हुए कहा कि बीती रात जिस तरह से फैसले लिए गए, वह तानाशाही का उदाहरण हैं। उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा पर आरोप लगाया कि वे पंजाब के हितों की अनदेखी कर रहे हैं।
सीएम ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो इस गंभीर मुद्दे पर सभी राजनीतिक पार्टियों की सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया जा सकता है, ताकि इस पर ठोस रणनीति तैयार की जा सके।
भगवंत मान ने पंजाब के भाजपा नेताओं—सुनील जाखड़, रवनीत बिट्टू और तरुण चुग पर निशाना साधते हुए कहा कि अब यह उनकी वफादारी की परीक्षा का वक्त है। या तो वे पंजाब के साथ खड़े हों या फिर अपने पद से इस्तीफा दें। उन्होंने भाजपा नेताओं से यह भी कहा कि वे इस मुद्दे पर अपना स्पष्ट स्टैंड जनता के सामने रखें।
मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि पंजाब अपने जल अधिकारों से किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा, “हमें पानी की कीमत का पता है और हम किसी भी तरह की जबरदस्ती को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
धार्मिक और सामाजिक रूप से अहम नंगल डैम पर धरना देने की खबरों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसी को असुविधा नहीं होने दी जाएगी, न ही ट्रैफिक रोका जाएगा। हमारा मकसद लोगों को परेशान करना नहीं, बल्कि केंद्र को पंजाब की आवाज सुनाना है।
सीएम मान ने भाजपा को चेतावनी दी कि वह पंजाब के खिलाफ अपनी “कोढ़ी चालें” बंद करे। उन्होंने कहा कि भाजपा को पंजाब से नफरत है क्योंकि वह यहां कभी चुनाव नहीं जीत पाई।
यह मामला अब केवल पानी का नहीं, बल्कि पंजाब की अस्मिता और किसानों के भविष्य का बन चुका है।