Protest: विपक्ष ने बजट को भेदभावपूर्ण बताते हुए बुधवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, इंडिया ब्लॉक के सांसदों के साथ मिलकर इस प्रदर्शन में शामिल हुए। उनका आरोप था कि विपक्ष शासित राज्यों के साथ बजट में भेदभाव किया गया है।
अखिलेश यादव की चुटकी
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा, बल्कि गठबंधन साझेदारों को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश को बड़े सपने दिखाए गए थे, लेकिन उत्तर प्रदेश को क्या मिला? अगर डबल इंजन सरकार है, तो उसे डबल लाभ मिलना चाहिए था—दिल्ली का लाभ और लखनऊ का लाभ। लेकिन ऐसा लगता है कि दिल्ली अब लखनऊ की ओर नहीं देख रही है या लखनऊ के लोगों ने दिल्ली को नाराज कर दिया है और इसका परिणाम बजट में दिखाई दे रहा है। अगर विकास बिहार की ओर जा रहा है, तो उत्तर प्रदेश को क्यों छोड़ा जा रहा है? अगर बिहार की बाढ़ को रोकना है, तो नेपाल और उत्तर प्रदेश की बाढ़ को रोके बिना बिहार की बाढ़ को कैसे रोका जाएगा? अगर आप पहले उत्तर प्रदेश और नेपाल की बाढ़ को रोकेंगे, तो बिहार की बाढ़ अपने आप रुक जाएगी।”
खड़गे ने बजट को अन्यायपूर्ण बताया
कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने कहा, “यह अन्याय है। हम इसका विरोध करेंगे।” कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, “यह बजट भारत सरकार का बजट नहीं लगता। इस बजट में संघीय ढांचे को तोड़ा गया है। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों को बजट में नजरअंदाज किया गया है। यह सरकार का बजट नहीं बल्कि ‘सरकार बचाओ बजट’ है। यह केवल सभी को खुश करने के लिए है।”
विपक्षी सांसदों ने बजट के मुद्दे पर राज्यसभा से बहिर्गमन किया। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसदों ने यूनियन बजट के खिलाफ नारेबाजी की।