Telangana CM पर सुप्रीम कोर्ट का गुस्सा: सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के नेता के. रेवंत रेड्डी ने कथित तौर पर बीजेपी और BRS के बीच डील का आरोप लगाया था, जब कविता को जमानत दी गई थी। इस बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है।
क्या मुख्यमंत्री को ऐसा बयान देना चाहिए?
न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति पीके मिश्रा और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने रेवंत रेड्डी के बयान पर सवाल उठाया कि क्या मुख्यमंत्री को ऐसा बयान देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे बयान लोगों के मन में शक पैदा कर सकते हैं। हमें हमारे आदेशों की आलोचना से कोई समस्या नहीं है, लेकिन हम अपने कर्तव्यों का पालन संविधान के तहत ली गई शपथ और अपने विवेक के अनुसार करते हैं। जैसे न्यायपालिका विधानमंडल में हस्तक्षेप नहीं करती, वैसे ही उनसे भी यही उम्मीद की जाती है।
सुनवाई कहीं और हो सकती है
सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर तेलंगाना के मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट का सम्मान नहीं करते हैं, तो इस मामले की सुनवाई कहीं और की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने 2015 के कैश-फॉर-वोट मामले को तेलंगाना से बाहर स्थानांतरित करने की याचिका पर सुनवाई को 2 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है।
आलोचना से कोई फर्क नहीं पड़ता
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि एक संवैधानिक पदाधिकारी इस तरह की भाषा बोल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें किसी की आलोचना से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन वे अपने कर्तव्यों का पालन अपने विवेक के अनुसार करते रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या वह कोई आदेश किसी राजनीतिक पार्टी से सलाह लेकर पारित करेगा।