
मध्य पूर्व में एक बार फिर हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। ईरान और इजरायल के बीच टकराव अब खुली जंग की तरफ बढ़ रहा है। इजरायल ने हाल ही में एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया, जिसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम दिया गया है। इस ऑपरेशन में इजरायली सेना ने ईरान के कई अहम ठिकानों पर हमला किया और बड़ी संख्या में लोग मारे गए।
इजरायल का बड़ा हमला
इस हमले में 78 लोगों की मौत हो गई और 350 से ज्यादा घायल हुए हैं। इजरायली वायुसेना ने ईरान के मुख्य परमाणु संयंत्र के एक हिस्से को भी तबाह कर दिया। इसके अलावा ईरान की सेना और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कई बड़े अफसर भी मारे गए।
इजरायल के इस हमले में मारे गए प्रमुख चेहरों में शामिल हैं:
-
हुसैन सलामी (रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख)
-
मोहम्मद बाघेरी (ईरानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ)
-
अली शामखानी (सुप्रीम लीडर खामेनेई के करीबी)
-
आमिर अली हाजीजादेह (आईआरजीसी एयरफोर्स कमांडर)
नेतन्याहू का सख्त बयान
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक इजरायल पूरी तरह सुरक्षित महसूस नहीं करता। उन्होंने साफ कहा कि “अब और तबाही मचनी बाकी है, हम किसी को नहीं बख्शेंगे।” उनका कहना है कि ईरान, इजरायल के अस्तित्व के लिए खतरा बन चुका है और अब उसे रोकना जरूरी है।
ईरान का पलटवार
इजरायल के हमले के जवाब में ईरान ने ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री’ नाम से जवाबी कार्रवाई की है। ईरान ने दावा किया है कि उसने इजरायल पर 100 से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं। इन मिसाइल हमलों में कई नागरिक घायल हुए हैं। ईरान ने कहा है कि वह अपने देश की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगा।
भारत और अमेरिका की प्रतिक्रिया
इस तनावपूर्ण माहौल में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर ईरान ने परमाणु समझौते को नहीं माना, तो अमेरिका की ओर से और बड़ा हमला हो सकता है।
हालात चिंताजनक
इस टकराव ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव किसी बड़े युद्ध की आहट दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शांति की अपील की जा रही है, लेकिन ज़मीनी हालात फिलहाल और बिगड़ते दिख रहे हैं।