महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए सोमवार (4 नवंबर) को नाम वापस लेने का आखिरी दिन था। इस बार के चुनाव में कुल 10,900 प्रत्याशियों ने अपना पर्चा भरा था, जिनमें से 983 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके चलते अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 8,272 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी से बगावत कर निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों की संख्या पर ध्यान देना जरूरी है।
महायुति में बागियों का हाल:
महायुति में कुछ प्रमुख बागियों ने अपना नाम वापस लिया है, जबकि कई अभी भी चुनावी मैदान में हैं:
- सांगली से शिवाजी डोंगरे (बीजेपी बागी) ने नाम वापस लिया।
- गढ़चिरौली से बीजेपी बागी देवराव होली ने भी बगावत वापस ली।
- धुले में शिंदे शिवसेना के मनोज मोरे ने बीजेपी के अनूप अग्रवाल को राहत दी है।
- भिवंडी ग्रामीण से बीजेपी की बागी स्नेहा पाटिल चुनाव में बनी हुई हैं।
- अजीत पवार के खिलाफ शिंदे शिवसेना के सात बागी अभी भी चुनावी मैदान में हैं।
- गुहागर से बीजेपी के बागी संतोष जैतापकर ने नाम वापस लिया है।
इसके अलावा, नांदेड से दक्षिण में शिंदे शिवसेना के आनंद तिड़के और बीजेपी के दिलीप कंडकुर्ते भी बागी हैं। पुरंदर से शिंदे शिवसेना के विजय शिवतारे के खिलाफ एनसीपी के संभाजी झेड़े की बगावत जारी है।
महाविकास अघाड़ी में बागियों की स्थिति:
महाविकास अघाड़ी में भी बागियों की स्थिति महत्वपूर्ण है:
- कसबा से कमल व्यवहारे की बगावत कायम है।
- पुणे पर्वती से आबां बागुल (कांग्रेस) ने बगावत की है।
- शिवाजीनगर से कांग्रेस के मनीष आनंद ने बगावत की है।
- नांदेड से ठाकरे शिवसेना की संगीता डाख और कांग्रेस के अब्दुल गफार चुनाव में बने हुए हैं।
- बीड से एनसीपी शरद पवार के उम्मीदवार संदीप क्षीरसार के खिलाफ एनसीपी एसपी की नेता ज्योति मेटे निर्दलीय लड़ेंगी।
इन बागियों की बगावत ने चुनावी समीकरणों को और जटिल बना दिया है।
चुनाव आयोग की रिपोर्ट:
चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार विधानसभा चुनाव में 1,654 प्रत्याशियों के नामांकन रिजेक्ट कर दिए गए हैं, जबकि 9,260 नामांकन स्वीकार किए गए थे। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कौन से बागी और उम्मीदवार अपनी स्थिति बनाए रख पाते हैं और कौन से प्रत्याशी चुनावी रेस से बाहर होते हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में बागियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। महायुति और महाविकास अघाड़ी से बगावत कर निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों की स्थिति पर चुनाव परिणामों का गहरा प्रभाव पड़ सकता है। अब सभी की नजर चुनाव परिणामों पर है, जो न केवल राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेंगे बल्कि महाविकास अघाड़ी और महायुति के भविष्य को भी तय करेंगे।