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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की शनिवार को ब्रिटेन पहुंचे, जहां वे प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और अन्य यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक करेंगे। यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब एक दिन पहले उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से टकराव हुआ था। ज़ेलेंस्की की यात्रा का मुख्य उद्देश्य यूरोपीय देशों से समर्थन जुटाना और यूक्रेन की स्थिति को मजबूत करना है।
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स्टार्मर, किंग चार्ल्स और यूरोपीय सहयोगियों से मुलाकात
ज़ेलेंस्की आज ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मिलेंगे, और फिर रविवार को किंग चार्ल्स III और अन्य यूरोपीय सहयोगियों से मुलाकात करेंगे।
इस दौरे से पहले ज़ेलेंस्की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर काफी सक्रिय रहे और उन्होंने यूक्रेन का समर्थन करने वाले नेताओं का आभार जताया।
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कनाडा और फ्रांस का समर्थन
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ज़ेलेंस्की के समर्थन में कहा,
“रूस ने अवैध रूप से यूक्रेन पर हमला किया। तीन साल से यूक्रेन के लोग बहादुरी से लड़ रहे हैं। लोकतंत्र, स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए उनकी लड़ाई हम सभी के लिए मायने रखती है।”
ज़ेलेंस्की ने ट्रूडो को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
इसी तरह, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भी कहा,
“रूस आक्रामक है और यूक्रेन पीड़ित है। हम शुरू से ही यूक्रेन के साथ खड़े रहे हैं और रूस पर प्रतिबंध जारी रखेंगे।”
ज़ेलेंस्की ने एक दर्जन से ज्यादा नेताओं को X पर धन्यवाद दिया, जो यूक्रेन के लिए अपने समर्थन की पुष्टि कर चुके हैं।
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नाटो प्रमुख की सलाह
नाटो प्रमुख मार्क रुटे ने कहा कि यूक्रेन में “टिकाऊ शांति” बनाए रखने के लिए यूरोप, अमेरिका और यूक्रेन को एक साथ आने की जरूरत है।
उन्होंने बीबीसी को बताया,
“मैं राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से दो बार बात कर चुका हूं और मैंने उन्हें समझाया कि यूक्रेन में शांति के लिए अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन को मिलकर काम करना होगा।”
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अमेरिका-यूक्रेन विवाद के बीच ज़ेलेंस्की की यात्रा
इस दौरे की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि एक दिन पहले ज़ेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच तनाव देखा गया था। ट्रंप ने पहले भी यूक्रेन को लेकर विवादास्पद बयान दिए हैं, जिससे ज़ेलेंस्की को यूरोपीय देशों से समर्थन जुटाने की जरूरत महसूस हो रही है।
ज़ेलेंस्की की यह यात्रा बताती है कि यूक्रेन को पश्चिमी देशों से निरंतर समर्थन की आवश्यकता है, ताकि वह रूस के खिलाफ मजबूती से खड़ा रह सके।
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क्या यह यात्रा यूक्रेन के लिए फायदेमंद होगी?
ब्रिटेन और यूरोपीय सहयोगियों से ज़ेलेंस्की की मुलाकातें यह तय कर सकती हैं कि आने वाले समय में यूक्रेन को कितना समर्थन मिलेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यूरोपीय देश यूक्रेन की मदद के लिए कौन-कौन से नए कदम उठाते हैं।