- इस लेख में बातचीत हो रही है आने वाले 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला के प्रतिष्ठापन समारोह की, जिसमें Ram मंदिर के निर्माण की सीधी राह को साफ किया जाएगा। लेख में यह उल्लेख किया गया है कि उन पांच न्यायाधीशों को भी इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेजा गया है, जिन्होंने 2019 में Ram जन्मभूमि के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला दिया था। जिन न्यायाधीशों को निमंत्रण मिला है, उनके नाम हैं – रंजन गोगोई, शरद अरविंद बोबड़े, D.Y. चंद्रचूड़, आशोक भूषण, और S. अब्दुल नजीर।
- सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को Ram मंदिर-Babri Masjid विवाद पर अंतिम निर्णय दिया था। उसने अपने निर्णय में कहा था कि 2.77 एकड़ के विवादित भूमि पर Ram लल्ला का जन्मस्थान है। उसने इस भूमि को उस संस्थान को सौंपने का निर्णय दिया, जो भारत सरकार द्वारा बाद में बनाया गया।
- कोर्ट ने यह भी कहा था कि सरकार को Uttar Pradesh सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को एक अलग 5 एकड़ भूमि प्रदान करने का आदेश दिया था ताकि वह एक मस्जिद बना सके। 6 दिसंबर 1992 को एक भीषण समूह ने Babri Masjid को गिरा दिया था। इसके बाद Ram मंदिर आंदोलन ने एक नया मोड़ लिया।
- लेख में यह भी उल्लेख है कि 55 पृष्ठों की मेहमान सूची जारी की गई है, जिसमें 22 जनवरी के कार्यक्रम के लिए निमंत्रित किए गए VIP और प्रमुख व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। यह उभरता है कि न्यायाधीशों की मौजूदगी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनकी मुख्य भूमिका ने Ram मंदिर के निर्माण की राह में महत्वपूर्ण योगदान किया।
- इसके अतिरिक्त, 22 जनवरी को होने वाले Ram मंदिर के प्रारंभ कार्यक्रम ने कुछ राज्यों में अवकाश की घोषणा की है। इस कार्यक्रम के लिए देश के फिल्म और व्यापार जगत के प्रमुख व्यक्तियों को निमंत्रित किया गया है, और प्रधानमंत्री Narendra Modi इस कार्यक्रम के लिए 11-दिन के रीति में हैं।