
उत्तर प्रदेश सरकार ने विवाह रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। यह बदलाव इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया फैसले के बाद किया गया है। अब अगर कोई युवक-युवती अपने परिवार की मंजूरी के बिना विवाह करते हैं, तो उन्हें कुछ सख्त नियमों का पालन करना होगा। योगी सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
क्यों किया गया यह बदलाव?
दरअसल, राज्य में हाल के समय में कई फर्जी विवाह के मामले सामने आए हैं। खासकर ऐसे विवाह जो बिना मान्यता प्राप्त मंदिरों, संस्थाओं या ट्रस्टों में कराए गए हैं। आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट्स पर भी ऐसे आरोप लगे हैं कि वे बिना कानूनी प्रक्रिया के विवाह करवा रहे हैं। सिर्फ गाज़ियाबाद में ही पिछले साल इस तरह के 5 मामले दर्ज किए गए थे। इसी को देखते हुए सरकार ने विवाह की प्रक्रिया को पारदर्शी और कानूनी बनाने के लिए यह नया फैसला लिया है।
अब विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए लागू होंगे ये ज़रूरी नियम:
1. परिवार की मौजूदगी अनिवार्य
अब विवाह रजिस्ट्रेशन तभी मान्य होगा जब दूल्हा या दुल्हन के परिवार का कोई सदस्य मौके पर मौजूद हो। यह सदस्य माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी या कोई भी बालिग रिश्तेदार हो सकता है। यदि परिवार का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं है, तो विवाह का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा।
2. स्थायी निवास स्थान के अनुसार होगा रजिस्ट्रेशन
विवाह का रजिस्ट्रेशन उसी जिले में किया जाएगा जहां दूल्हा या दुल्हन के माता-पिता स्थायी रूप से रहते हैं। इससे विवाह रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और अधिक नियंत्रित और प्रमाणिक हो जाएगी।
3. बिना सहमति वाले विवाह के लिए विशेष प्रमाण जरूरी
अगर विवाह परिवार की सहमति के बिना हो रहा है, तो विवाह करवाने वाले पुजारी, मौलवी या पादरी को एक शपथ-पत्र (एफिडेविट) देना होगा। आवश्यकता पड़ने पर रजिस्ट्रेशन अधिकारी उस व्यक्ति की गवाही भी दर्ज कर सकते हैं।
इसके साथ ही पूरे विवाह की वीडियो रिकॉर्डिंग भी जरूरी होगी। यह रिकॉर्डिंग एक पेन ड्राइव में रजिस्ट्रेशन कार्यालय में जमा करनी होगी। साथ ही विवाह प्रमाण पत्र पर विशेष मुहर लगाई जाएगी जिससे उसकी वैधता सुनिश्चित हो सके।
क्या है इन नियमों का मकसद?
सरकार का कहना है कि इन नए नियमों का उद्देश्य विवाह प्रक्रिया को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना है। अब शादी केवल दो लोगों का निजी मामला नहीं रहेगा, बल्कि इसमें परिवार और सरकारी व्यवस्था की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। इससे न केवल फर्जी विवाहों पर रोक लगेगी बल्कि धोखाधड़ी, जबरन विवाह और ब्लैकमेलिंग जैसे अपराधों को भी रोका जा सकेगा।
इस बदलाव के बाद अब बिना सोचे-समझे विवाह करना आसान नहीं रहेगा। विवाह के लिए पारिवारिक सहमति, साक्ष्य और कानूनी प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य होगा। इससे युवाओं को अधिक जिम्मेदारी से कदम उठाने के लिए प्रेरित किया जाएगा और समाज में विवाह संस्था की गरिमा को बनाए रखने में मदद मिलेगी।