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उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में ग्लेशियर टूटने से एक बड़ा हादसा हुआ है। इस भयानक हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में 57 मजदूर आ गए, जिनमें से 16 को सुरक्षित बचा लिया गया है, लेकिन 47 मजदूर अभी भी लापता हैं। मौके पर प्रशासन और बचाव दल पहुंच चुके हैं और राहत कार्य तेजी से जारी है।
कैसे हुआ हादसा?
घटना माणा गांव और माणा पास के बीच हुई, जहां सीमा सड़क संगठन (BRO) की देखरेख में मजदूर सड़क पर जमी बर्फ हटाने का काम कर रहे थे। ये सभी मजदूर प्राइवेट ठेकेदारों के अधीन BRO के लिए काम कर रहे थे।
एवलांच आते ही मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई और वे जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कुछ मजदूर तो भागकर बच गए, लेकिन 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए। अभी तक 16 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जिनमें से तीन घायल हैं और उनका सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है।
बचाव अभियान जारी
हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन और BRO की टीम मौके पर रवाना हो गई। इसके अलावा, ITBP (इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस), गढ़वाल स्काउट, NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को भी राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है।
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने सभी अधिकारियों को बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि अभी तक किसी मजदूर की मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन 47 मजदूर अब भी लापता हैं और उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा,
“चमोली जिले में माणा गांव के पास BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने की खबर मिली है। ITBP, BRO और अन्य राहत दल बचाव कार्य में लगे हुए हैं। भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिकों की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूं।”
बचाव कार्य में आ रही दिक्कतें
BRO के अधिकारी सीआर मीना ने बताया कि,
“सुबह करीब 11 बजे हमें जानकारी मिली कि एवलांच आया है और हमारे एक ठेकेदार के 57 मजदूर उसमें फंस गए हैं। हमने राहत कार्य शुरू कर दिया और अब तक 16 मजदूरों को बचाया गया है।”
तीन मजदूर घायल हैं और उनका सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है। हालांकि, भारी बर्फबारी और खराब मौसम की वजह से बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। माणा पास और बद्रीनाथ के बीच सड़क जगह-जगह बंद हो गई है, जिससे बचाव दल को घटनास्थल तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है।
अब क्या होगा?
राहत और बचाव कार्य पूरी तेजी से चल रहा है।
- बचाव दल लापता मजदूरों को खोजने की कोशिश कर रहा है।
- घायलों को बेहतर इलाज देने की व्यवस्था की जा रही है।
- प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
उत्तराखंड के चमोली में हुआ यह हादसा बेहद गंभीर है। मजदूरों को बचाने के लिए सेना, ITBP, BRO और अन्य राहत दल जुटे हुए हैं। सभी की उम्मीद यही है कि जितने ज्यादा मजदूरों को हो सके, सुरक्षित बाहर निकाला जाए। हम सभी भगवान बदरीनाथ से प्रार्थना करते हैं कि सभी मजदूर सुरक्षित रहें और जल्द से जल्द अपने परिवारों के पास लौट सकें।