पराली जलाने पर पूर्ण रोक सुनिश्चित करने के लिए, पंजाब पुलिस ने सिविल प्रशासन के साथ मिलकर किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है और धान की पराली जलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
यह जानकारी आज यहां विशेष पुलिस महानिदेशक (विशेष डीजीपी) कानून और व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने दी। उन्होंने बताया कि पराली जलाने पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देशों का पालन करते हुए डीजीपी गौरव यादव ने पराली जलाने के खिलाफ कार्रवाई की निगरानी के लिए विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला को पुलिस नोडल अधिकारी नियुक्त किया था।
डीजीपी पंजाब द्वारा राज्य में पराली जलाने के मामलों की दैनिक आधार पर समीक्षा करने के लिए सभी वरिष्ठ अधिकारियों, रेंज अधिकारियों, सीपीज/एसएसपीज और स्टेशन हाउस अधिकारियों (एसएचओज) के साथ बैठकें भी की जा रही हैं।
विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने कहा कि पुलिस टीमें राज्य में पराली जलाने की समस्या को नियंत्रित करने के लिए सिविल प्रशासन के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर लगातार प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि डीसीज़/एसएसपीज़ और एसडीएमज़/डीएसपीज़ द्वारा पराली जलाने वाले हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित गांवों का संयुक्त दौरा करने के साथ-साथ जिला और उप-डिविजन स्तर पर विभिन्न किसानों/किसान यूनियनों के साथ जन जागरूकता बैठकें की जा रही हैं।
पिछले कुछ दिनों में डीसीज़/एसएसपीज़ द्वारा 522 और एसडीएमज़/डीएसपीज़ द्वारा 981 संयुक्त दौरे किए गए हैं, जिनके दौरान उन्होंने 2504 जन जागरूकता बैठकें और 2457 किसानों/किसान यूनियनों के साथ बैठकें की गयी हैं।
विशेष डीजीपी ने कहा कि पराली जलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में सैटेलाइट के माध्यम से 1393 खेतों में पराली जलाने की घटनाओं का पता चलने के बाद संयुक्त टीमों को मौके पर जांच के लिए भेजा गया। उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने 874 मामलों में एफआईआर दर्ज की हैं, जबकि 471 स्थानों पर पराली जलाने का कोई मामला नहीं पाया गया। हालांकि, 471 मामलों की डेली डायरी रिपोर्ट (डीडीआर) संबंधित पुलिस थानों में दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि एफआईआर दर्ज करने के अलावा, 397 मामलों में 10.55 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है और 394 किसानों के राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है।
विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने किसानों से पराली जलाने के खिलाफ सरकार के प्रयासों में सहयोग देने और पराली को आग न लगाने की अपील की है, क्योंकि इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषण होता है, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
गौरतलब है कि पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र और कर्मचारियों की संख्या के आधार पर पर्याप्त संख्या में अतिरिक्त गश्त दल और फ्लाइंग स्क्वॉड पराली जलाने की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहे हैं।