
पंजाब सरकार द्वारा 1 मार्च 2025 से शुरू की गई ‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ मुहिम के पहले 100 दिन बेहद प्रभावशाली और कामयाब साबित हुए हैं। इस मुहिम का मकसद नशा तस्करी को जड़ से खत्म करना और तस्करों के आर्थिक नेटवर्क को तोड़ना है। इस मुहिम के अंतर्गत पंजाब पुलिस ने राज्यभर में बड़े स्तर पर छापेमारी और गिरफ्तारियां की हैं।
तस्करों की संपत्ति जब्त और भारी मात्रा में नशा बरामद
पंजाब पुलिस ने बीते 100 दिनों में नशा तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करते हुए 157 तस्करों की करीब 78.52 करोड़ रुपये की गैर-कानूनी संपत्तियां फ्रीज़ की हैं। साथ ही 13.03 करोड़ रुपये की ड्रग मनी भी जब्त की गई है। ये संपत्तियां तस्करी से कमाए गए पैसों से खरीदी गई थीं, जिन्हें पुलिस ने निशाना बना कर तस्करी के पैसों के बहाव को रोकने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
16,500 से ज्यादा तस्कर गिरफ्तार
स्पेशल डीजीपी (कानून व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि मुहिम की शुरुआत से अब तक 16,533 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और 9,693 एफआईआर दर्ज की गई हैं। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है, जो दर्शाता है कि सरकार और पुलिस इस अभियान को लेकर कितनी गंभीर हैं।
अब तक इतनी नशीली सामग्री जब्त की गई:
-
627 किलो हेरोइन
-
252 किलो अफीम
-
15 टन भुक्की (डोडा)
-
9 किलो चरस
-
264 किलो गांजा
-
2.7 किलो आईसीई (क्रिस्टल मेथ)
-
2.6 किलो कोकीन
-
26.51 लाख नशे की गोलियां/कैप्सूल
यह सारी सामग्री अलग-अलग तस्करों और गिरोहों से जब्त की गई है।
हवाला नेटवर्क पर करारी चोट
पुलिस ने नशा तस्करी में इस्तेमाल हो रहे 48 बड़े हवाला संचालकों को भी गिरफ्तार किया है। हवाला चैनल्स के जरिए देश-विदेश से आ रही ड्रग मनी को खत्म करने के लिए यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। हवाला नेटवर्क की गिरफ्तारी से तस्करों की आर्थिक रीढ़ को तोड़ने में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है।
राज्य भर में एक साथ चली छापेमारी
सोमवार को भी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 127 तस्करों को गिरफ्तार किया है और 4.1 किलो हेरोइन, 20 किलो भुक्की और 2.20 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई।
इस दिन 90 गजटेड अधिकारियों की निगरानी में 200 से ज्यादा पुलिस टीमें और 1,400 से अधिक जवानों ने पूरे राज्य के 466 स्थानों पर छापेमारी की। इसके अलावा 489 संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान और पूछताछ की गई।
नतीजा: गिरोहों की कमर टूटी
पुलिस का मानना है कि इस तरह की सख्त कार्रवाई से न केवल नशा तस्करों के गिरोहों की कमर टूटी है, बल्कि उनके आर्थिक स्रोत भी कमजोर हुए हैं। संपत्ति जब्त करने और ड्रग मनी पकड़ने से उनके नेटवर्क का संचालन मुश्किल हो गया है।
‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ मुहिम पंजाब की नशा मुक्त भविष्य की दिशा में एक ठोस और असरदार कदम साबित हो रही है। पुलिस की लगातार कार्रवाई और मजबूत रणनीति से यह उम्मीद बंधी है कि आने वाले समय में पंजाब नशा तस्करी से मुक्त एक सुरक्षित और स्वस्थ समाज बनेगा।