
पंजाब सरकार द्वारा नशा मुक्त पंजाब बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए चलाई जा रही ‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ मुहिम के तहत अब राज्य की पुलिस ने और सख्ती अपना ली है। इसी कड़ी में मानसा ज़िले की पुलिस ने ‘ऑपरेशन सील-14’ के तहत अंतरराज्यीय सीमाओं पर जबरदस्त चेकिंग अभियान चलाया। इस मुहिम का नेतृत्व जिला पुलिस प्रमुख भगीरथ सिंह मीणा ने किया।
उन्होंने बताया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव के निर्देशों के तहत, हरियाणा से लगते सीमावर्ती क्षेत्रों में नाके लगाकर जांच की गई ताकि नशे की तस्करी और समाज विरोधी गतिविधियों को रोका जा सके।
कैसे हुआ ऑपरेशन?
ऑपरेशन में दो एसपी, तीन डीएसपी, पांच मुख्य अधिकारी और कुल 103 पुलिसकर्मी शामिल रहे। इस टीम ने मानसा ज़िले की आठ इंटर-स्टेट सीमाओं पर नाकाबंदी की और वाहनों व लोगों की गहन जांच की।
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कुल 168 वाहनों की जांच की गई।
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46 संदिग्ध व्यक्तियों की पूछताछ हुई।
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ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करने वाले 20 वाहनों के चालान काटे गए।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नशे के अवैध व्यापार को रोकना, अवैध शराब की तस्करी पर लगाम लगाना, और असामाजिक तत्वों की हरकतों पर समय रहते कार्रवाई करना रहा।
तस्करों के ठिकानों पर छापे
जिला पुलिस प्रमुख ने बताया कि नशा तस्करों के घरों और ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। इसके अलावा गांवों और शहरों के स्कूलों में नशा विरोधी सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं ताकि युवा पीढ़ी को नशे के खतरे से अवगत करवाया जा सके। युवाओं और बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए जागरूकता फैलाना भी इस मुहिम का अहम हिस्सा है।
पुलिस प्रमुख ने दी सख़्त चेतावनी
भगीरथ सिंह मीणा ने हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे इस विशेष ऑपरेशन का स्वयं जायज़ा लिया और अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी शरारती तत्व या असामाजिक ताकत को पंजाब में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन आगे भी जारी रहेगा और अगर कोई भी व्यक्ति नशे या अवैध गतिविधियों में लिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ज़िला होगा नशा मुक्त
उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि हरियाणा की तरफ से कई बार नशा तस्करी के रास्ते खुलते हैं, जिससे पंजाब में नशा फैलता है। इसलिए सीमाओं को सील करना और लगातार चेकिंग करना इस खतरे को रोकने का एक कारगर तरीका है।
ऑपरेशन के दौरान पुलिस अधिकारियों के साथ लंबी बैठक कर उन्हें यह निर्देश भी दिए गए कि वे मानसा ज़िले को पूरी तरह नशा मुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास करें।
इस मौके पर एसएचओ बोहा अमरीक सिंह, एसएचओ सदर जगदेव सिंह और एसएचओ सरदूलगढ़ बिक्रमजीत सिंह बराड़ भी मौजूद थे।
पंजाब सरकार की ‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ मुहिम अब ज़मीन पर दिखने लगी है। मानसा ज़िले में चलाया गया यह ऑपरेशन इस बात का प्रमाण है कि सरकार और पुलिस मिलकर राज्य को नशे की चपेट से बाहर निकालने के लिए गंभीर और सक्रिय हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से नशा तस्करों और समाज विरोधी तत्वों को बड़ा संदेश गया है – अब कोई भी कानून से बच नहीं पाएगा।