
12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के क्रैश होने की घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। इस दर्दनाक हादसे के दो दिन बाद शनिवार को केंद्र सरकार की ओर से पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और मंत्रालय के सचिव समर कुमार सिन्हा ने हादसे की जानकारी दी और अब तक की जांच की स्थिति साझा की।
क्या कहा मंत्री राम मोहन नायडू ने?
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में राम मोहन नायडू ने कहा कि, “बीते दो दिन हम सभी के लिए बेहद मुश्किल भरे रहे हैं। मैंने खुद घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। वहां का मंजर बेहद भयावह था। यात्रियों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।”
उन्होंने आगे बताया कि इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन कर दिया है, जो हर पहलू से हादसे की जांच करेगी। साथ ही मंत्री ने ये भी बताया कि विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और उसका डेटा डिकोड किया जा रहा है। इसके माध्यम से हादसे के असली कारणों का जल्द ही पता लगाया जाएगा।
कैसे हुआ हादसा?
उड्डयन मंत्रालय के सचिव समर कुमार सिन्हा ने बताया कि एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 ने 12 जून को दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड में विमान ने 650 फीट की ऊंचाई हासिल की, लेकिन तभी उसकी ऊंचाई घटने लगी, यानी विमान “सिंक” करने लगा। पायलट ने उसी समय अहमदाबाद एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को “MAYDAY” यानी इमरजेंसी की सूचना दी।
इसके कुछ ही पलों बाद विमान का एटीसी से संपर्क टूट गया। फिर ठीक एक मिनट बाद, एयरपोर्ट से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित मेघाणीनगर इलाके में विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और आसपास के इलाके में भी नुकसान पहुंचा।
विमान की पिछली उड़ान थी सामान्य
सचिव ने यह भी बताया कि इससे पहले इसी विमान ने पेरिस से दिल्ली और फिर दिल्ली से अहमदाबाद की उड़ान बिना किसी तकनीकी गड़बड़ी के पूरी की थी। यानी टेक्निकल रिपोर्ट में किसी भी तरह की समस्या सामने नहीं आई थी।
आगे क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
मंत्री ने कहा कि ब्लैक बॉक्स की जांच के बाद ही इस हादसे की असली वजह सामने आ पाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि तीन महीने के भीतर जांच टीम अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। साथ ही, DGCA और अन्य संबंधित एजेंसियां भी जांच में जुटी हुई हैं।
पीड़ित परिवारों के साथ संवेदना
राम मोहन नायडू ने कहा कि हादसे में जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदना है। उन्होंने कहा, “मैं खुद एक सड़क हादसे में अपने पिता को खो चुका हूं, इसलिए इस दुख को महसूस कर सकता हूं।”
सरकार ने भरोसा दिलाया है कि पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।