पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज फगवाड़ा में एक निजी विश्वविद्यालय में दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के अवसर पर आयोजित पंजाब सूबाई आर्य महासम्मेलन में भाग लिया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में चुनाव होने वाले हैं, जिससे वे थोड़े व्यस्त हैं, लेकिन जनता के प्रेम और महर्षियों के आशीर्वाद ने उन्हें यहां आने के लिए प्रेरित किया।
भगवंत मान ने कहा कि पंजाब क्रांतिकारियों की धरती है और महर्षि दयानंद सरस्वती का पंजाब से गहरा नाता था। गुजरात की धरती पर जन्मे दयानंद सरस्वती ने पंजाब में आकर क्रांति की अलख जगाई थी। उन्होंने कहा कि जब महर्षि दयानंद के विचारों ने लोगों में शक्ति का संचार किया, तो लाला लाजपत राय, करतार सिंह सराभा जैसे अनेक क्रांतिकारी इस धरती से निकले। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आर्य समाज की डीएवी संस्थाओं में आज 4.5 लाख से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। देशभर में डीएवी संस्थानों द्वारा उच्च स्तरीय शिक्षा दी जा रही है और यह शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आज देश में अनेक समस्याएं हैं और इनका समाधान सभी को मिलकर निकालना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे धर्म की राजनीति नहीं करते, बल्कि काम की राजनीति करते हैं। मान ने बताया कि हमारे सभी त्योहार साझा होते हैं, और सभी मिल-जुलकर इन्हें मनाते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग देश की सीमाओं पर हमेशा डटे रहते हैं और भारत एक ऐसा गुलदस्ता है, जिसमें हर तरह के फूल हैं, जो इसकी महानता का प्रतीक है।
अपने संबोधन में भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में हर तरह का बीज बोया जा सकता है, लेकिन यहां नफरत का बीज नहीं बोया जा सकता। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री महिंदर भगत और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।