Afzal Ansari: गाज़ीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफज़ल अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आज (29 जुलाई) को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत दी गई चार साल की सजा को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने गाज़ीपुर की ट्रायल कोर्ट के निर्णय को पलट दिया है। अफज़ल अंसारी की सजा रद्द होने से उनकी संसद सदस्यता भी बरकरार रहेगी। सजा रद्द होने के बाद अफज़ल अंसारी के वकीलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अफज़ल के वकील उपेंद्र उपाध्याय और दया शंकर मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर मीडिया से बातचीत की। उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि गाज़ीपुर कोर्ट द्वारा सांसद अफज़ल अंसारी को दी गई चार साल की सजा रद्द कर दी गई है। कोर्ट ने सरकार की ओर से दायर की गई अपील भी रद्द कर दी। यूपी सरकार ने सजा बढ़ाने की मांग की थी।
अफज़ल अंसारी के वकील ने क्या कहा?
उपेंद्र उपाध्याय ने आगे कहा कि तीन याचिकाओं को एक साथ निपटाया गया। हमारी ओर से अपील थी कि चार साल की सजा को रद्द किया जाए। कोर्ट ने हमारी दलील को स्वीकार किया और यूपी सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। सजा रद्द होने के बाद अफज़ल अंसारी संसद में बने रहेंगे। इसके लिए उन्हें बधाई भी दी गई।
उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि हमने कोर्ट में स्पष्ट रूप से दो बातें कही थीं – पहली कि जिस मामले के आधार पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था, उसमें हमें बरी कर दिया गया है और दूसरी कि जो भी सबूत पेश किए गए हैं, उनमें कोई ऐसा साक्ष्य नहीं है जिससे हमें सजा मिल सके। अंत में, उन्होंने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
अफज़ल अंसारी के भाई ने क्या कहा?
सजा से राहत मिलने के बाद अफज़ल अंसारी के भाई सिबगतुल्ला अंसारी ने कहा कि मैं सभी को बधाई देना चाहता हूं। यह न्याय की विजय है। यह सत्य की विजय है और लाखों लोगों के आशीर्वाद की विजय है। सच यह है कि निचली अदालत ने एक निर्दोष को सजा दी थी और आज हाईकोर्ट ने न्याय किया है। सत्य को सत्य से अलग किया गया है और सजा का आदेश रद्द कर दिया गया है।
मामला क्या है?
जस्टिस संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया है। इस मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद, कोर्ट ने 4 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अफज़ल अंसारी को 29 अप्रैल 2023 को गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा सुनाई गई थी। चार साल की सजा के कारण अफज़ल अंसारी को जेल जाना पड़ा था और उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा पर स्थगन के कारण अफज़ल की सदस्यता बहाल हो गई थी।