
अबू धाबी में हाल ही में एक बेहद खास और अनोखा इवेंट हुआ, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। यहां इंसानों की नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से चलने वाले ड्रोन की रेस आयोजित की गई। इस रेस का नाम था A2RL x DCL Autonomous Drone Championship। यह इवेंट अबू धाबी के ADNEC Marina Hall में हुआ, जिसमें दुनियाभर की 14 टीमें शामिल हुईं।
बिना पायलट के उड़ान भरते ड्रोन
इस ड्रोन रेस की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इन ड्रोन को उड़ाने के लिए ना तो कोई रिमोट था, ना ही कोई इंसान, और ना ही कोई पायलट। हर टीम ने ऐसा ड्रोन बनाया था, जो पूरी तरह से AI यानि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से चलता है। ये ड्रोन खुद ही दिशा तय करते हैं, रुकते हैं, मुड़ते हैं और तेजी से रेस ट्रैक पूरा करते हैं।
नीदरलैंड की टीम ने मारी बाज़ी
इस शानदार मुकाबले में नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा तैयार किए गए AI ड्रोन ने सभी को पछाड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया। इन छात्रों की टीम ने MavLab नाम के रिसर्च ग्रुप के तहत यह AI ड्रोन तैयार किया था। इस ड्रोन की ताकत सिर्फ उसकी तेज रफ्तार नहीं थी, बल्कि उसकी स्मार्टनेस भी लोगों को हैरान कर गई।
जब AI ड्रोन ने उड़ा दिए होश
इस AI ड्रोन ने 170 मीटर के दो लैप्स सिर्फ 17 सेकेंड में पूरे कर लिए, वो भी बिना किसी मानवीय मदद के। इस दौरान इसकी अधिकतम गति 150 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई। यह रफ्तार और नियंत्रण देखकर वहां मौजूद दर्शकों और जजेस सभी हैरान रह गए। यह एक इनडोर फ्लाइंग जोन में हुआ था, जो खासतौर पर इस तरह की रेस के लिए तैयार किया गया था।
दुनिया भर से आई थीं टीमें
इस चैंपियनशिप में दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, कनाडा, तुर्की, चीन और अन्य देशों से कुल 14 टीमें शामिल हुई थीं। सभी ने अपने-अपने AI ड्रोन बनाए और उन्हें इस हाई-टेक रेस में उतारा। मुकाबला बहुत ही कड़ा था, लेकिन नीदरलैंड की टीम ने अपनी शानदार टेक्नोलॉजी और समझदारी से बाकी टीमों को पीछे छोड़ दिया।
तकनीक का कमाल
इस इवेंट ने यह दिखा दिया कि AI सिर्फ कंप्यूटर या मोबाइल तक सीमित नहीं है, बल्कि अब यह उड़ान भरने में भी सक्षम है। ड्रोन टेक्नोलॉजी और AI का यह अनोखा मेल भविष्य के लिए नए रास्ते खोल रहा है। आने वाले समय में ऐसे ड्रोन का इस्तेमाल रेसिंग के अलावा रेस्क्यू, डिलीवरी और अन्य कामों में भी बड़े पैमाने पर हो सकता है।
अबू धाबी में हुई यह रेस सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं थी, बल्कि यह भविष्य की तकनीक की झलक भी थी। यह दिखाता है कि कैसे युवा दिमाग और उन्नत AI मिलकर कुछ ऐसा कर सकते हैं, जो अब तक सिर्फ कल्पना में था। नीदरलैंड की टीम की जीत न सिर्फ उनके लिए गर्व की बात है, बल्कि यह दुनिया भर के टेक्नोलॉजी प्रेमियों के लिए प्रेरणा भी है।